पेनिस की नसों के लिए योग | Penis Ki Naso Ke Liye Yog

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मनुष्य के शारीर का पेनिस उसके जीवन में एक महत्वपूर्ण अंग होता है। पेनिस की नसों को स्वस्थ रखना भी बहुत जरूरी होता है। योग एक ऐसी चीज होती है, जो शारीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। योग से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी सुधारता है। इसलिए, अपनी पेनिस की नसों को स्वस्थ रखने के लिए योग का सहारा लेना बेहद फायदेमंद होता है।

योगासन एक ऐसी क्रिया है जो शारीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करती है। निम्नलिखित योगासन आपकी पेनिस की नसों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

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पेनिस की नसों के लिए योग | Penis Ki Naso Ke Liye Yog

वृषभासन (Vrshasana) – इस आसन को करने के लिए आप पैरों को मोड़कर बैठें और दाएं पैर को बाईं जांघ जैसे बांधें। अब दाएं हाथ को ऊपर उठाकर उसे सीधा करें और अपने सिर को उठाकर उसे दाएं छाती के पास ले जाएं। इस स्थिति में कुछ समय रहें और फिर साँझे पैर से यही कुछ करें। इस आसन से पेनिस की नसों को संचारित करने वाले रक्त की संख्या बढ़ती है जो नसों को स्वस्थ बनाए रखती है। इसके अलावा यह आसन आपकी पेट, पीठ, गुदा, पैरों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

उत्तानासन (Uttanasana) – इस आसन को करने के लिए आपको पैरों को होठों तक ऊंचा उठाना होगा। फिर अपने हाथों को पैरों के बीच में दोषबाजी से लाना होगा। इस स्थिति में कुछ समय रहें। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन आपकी पीठ, पैरों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

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पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) – इस आसन को करने के लिए आप पैरों को आगे करके अपनी नाभि तक ले जाना होगा। फिर आपको अपने हाथों को आगे करना होगा और अपने पैरों को पकड़ लेना होगा। इस स्थिति में कुछ समय रहें और फिर शांभवी मुद्रा में जाएं। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन आपकी पीठ, पैरों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके स्पर्श शक्ति को बढ़ाता है।

वीरभद्रासन (Virabhadrasana) – इस आसन को करने के लिए आपको एक पैर को आगे बढ़ाना होगा और दूसरे पैर को पीछे ले जाना होगा। फिर आपको अपने शरीर को एक ऊंची मुड़ी हुई दिशा में घुमाना होगा। इस स्थिति में कुछ समय रहें और फिर समयारोहण करें। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन आपकी पीठ, पैरों, कमर की मांसपेशियों और उभरते हुए पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

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वज्रासन (Vajrasana) – इस आसन को करने के लिए आपको अपने पैरों को जमीन पर बैठना होगा। आपके पैरों को एक दूसरे के पास रखना चाहिए और अपने बैठने के समय आपके बैठने की तलवे ऊपर की ओर होनी चाहिए। इस स्थिति में आपको सीधा बैठे रहना होगा। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन पाचन तंत्र को भी सुधारता है और आपकी पेट को समय पर साफ करता है।

उत्तानासन (Uttanasana) – इस आसन को करने के लिए आपको खड़े होना होगा और फिर अपने पैरों को झुकाना होगा ताकि आपके हाथ जमीन को छू सकें। इस स्थिति में आपको कुछ समय रहना होगा। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशियों, पैरों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

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पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana) – इस आसन को करने के लिए आपको सीधे लेट जाना होगा। फिर आपको अपने पैरों को अपनी छाती के पास खींचना होगा और अपने घुटनों को अपनी छाती से टच करना होगा। इस स्थिति में आपको कुछ समय रहना होगा। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है

उत्तानासन (Uttanasana) – इस आसन को करने के लिए आपको खड़े होना होगा और फिर अपने पैरों को झुकाना होगा ताकि आपके हाथ जमीन को छू सकें। इस स्थिति में आपको कुछ समय रहना होगा। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशियों, पैरों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

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पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana) – इस आसन को करने के लिए आपको सीधे लेट जाना होगा। फिर आपको अपने पैरों को अपनी छाती के पास खींचना होगा और अपने घुटनों को अपनी छाती से टच करना होगा। इस स्थिति में आपको कुछ समय रहना होगा। यह आसन पेनिस की नसों को संचारित करने में मदद करता है

निष्कर्ष

ऊपर बताये गए सभी योगासन पेनिस की नसों के लिए योग हैं. लेकिन किसी भी योग को करने से पहले एक बार किसी सर्टिफाइड योग टीचर से योग मुद्राएं जान लेना चाहिए।

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